प्रोग्रामिंग को समझने के लिए ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग (oop concept)को समझना बहुत ही जरुरी भी है और आसान भी है आइए तो आज हम इस प्रोग्रामिंग कांसेप्ट की महत्वपूर्ण कड़ी की शुरुवात करते है
ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग कांसेप्ट क्या है
ऑब्जेक्ट
ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग कांसेप्ट एक तरह की methology या कह सकते है एक टेकनिक है जो की सॉफ्टवेर डेवलपमेंट और प्रोग्रामिंग को आसानी से समझने इसे करने और इनसे जुडी problems को solve करने की एक पथति की तरह है
प्रोग्रामिंग
को समझने के लिए ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग
(oop concept)को समझना बहुत ही जरुरी
भी है और आसान भी है आइए तो आज हम
इस प्रोग्रामिंग कांसेप्ट की महत्वपूर्ण
कड़ी की शुरुवात करते है
ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग कांसेप्ट दरअसल कुछ भी नहीं है इसमें सभी चीजो को एक ऑब्जेक्ट की तरह लिया जाता है जैसे
की हमारे आस पास की रियल दुनिया पूरी तरह से ऑब्जेक्ट से भरी पढ़ी है
जैसे
की जिस मोबाइल में ये लेख पढ़ रहे है वो भी
एक ऑब्जेक्ट है एक टेबल ,कुर्सी हमारे आस
पास का सब कुछ ऑब्जेक्ट है
ऑब्जेक्ट
में 2 चीज होती है जिन्हें attiribute(एट्रिब्यूट) और बिहेवियर
कहते है
जैसे
फिर से हम मोबाइल के example से समझते
है मोबाइल में उसका modal name ,screen size , attiribute है
वीडियो,ऑडियो वॉल्यूम on/off ,power on और
off buttion और उसके सारे function बिहेवियर है मजे
की बात ये है की हम इंसानों के भी attiribute(एट्रिब्यूट)
और बिहेवियर होते है जिनमे हमारा नाम जहा attiribute(एट्रिब्यूट) है तो हमारा
गुस्सेल और हँसमुख होना बिहेवियर है इसी
रियल टाइम कांसेप्ट को प्रोग्रामिंग में उतरा गया है जिसे की ऑब्जेक्ट
ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग कांसेप्ट कहते है
क्यों
सीखे ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग
कांसेप्ट -
ऑब्जेक्ट
ओरिएंटेड कांसेप्ट से हमारी प्रोग्रामिंग
को आसान करने और हमारे code की Reusability को बढ़ाने में भी मददगार है
आइए
इसे एक example से समझते है जैसे
अगर हम गेम डेवेलपर है और इस गेम
में हमे कार के पहिये बनाना है तो हम एक बार कार के सारे पहिए के लिए कोड लिख
कर और फिर टेस्ट कर ये बना लेगे
फिर हमे फिर से अगर हमे इस गेम में
एक और दूसरी बड़ी कार या ट्रक के बनाना है
तो हम यहाँ उसी code को फिर से USE कर
लेगे जिसमे की हम कार के पहिए का केवल size बढ़ा के हम अपनी जरुवत के अनुसार उसी code का इस्तेमाल कर लेगे जिससे की हमारा
समय भी बचेगा और code को बार बार टेस्ट
करने की जरुवत भी ख़त्म हो जाएगी क्योकि हम पहले ही इसे नैनो कार
के पहिए बनांते समय कर चुके है
प्रोग्रामिंग
में ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड कांसेप्ट को क्यों use करे –
oop कांसेप्ट को प्रोग्रामिंग में use करने के 2
बड़े कारण-
1 1. एक ही code को बार बार लिखना ना पडे
2. code को बदलाव करना आसान हो
ऑब्जेक्ट
ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग कांसेप्ट एक तरह से
प्रोग्रामर के लिए गाइड लाइन की तरह
है जो की हमारा काम आसान करने और प्रोग्रामिंग में बहुत ऊपर तक ले जाने वाली
सीढियों की तरह है
उम्मीद
करता हु दोस्तों आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग कांसेप्ट की अगली कड़ीयो के साथ
जल्द ही मिलते है तब तक के लिए किसी सवाल और सुझाव के लिए कमेंट करे धन्यवाद
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